Tere Qareeb Rahun Ya
चंदन दास
तेरे क़रीब रहूं
या के डोर जौन मैं
तेरे क़रीब रहूं
या के डोर जौन मैं
हैं दिल का एक ही आलम
तुझी को चाहूं मैं
तेरे क़रीब रहूं
या के डोर जौन मैं
तेरे क़रीब रहूं
या के डोर जौन मैं
मैं जानता हूँ
वो रखता हैं चाहते कितनी
मैं जानता हूँ
मैं जानता हूँ
वो रखता हैं चाहते कितनी
मगर यह बात उसे
किस तरह बतौन मैं
मगर यह बात उसे
किस तरह बतौन मैं
हैं दिल का एक ही आलम
तुझी को चाहूं मैं
तेरे क़रीब रहूं
या के डोर जौन मैं
तेरे क़रीब रहूं
या के डोर जौन मैं
जो चुप रहा तो वो समजेगा
बदगुमान मुझे
जो चुप रहा तो वो समजेगा
बदगुमान मुझे
बुरा भला ही सही
कुछ तो बोल अओन मैं
बुरा भला ही सही
कुछ तो बोल अओन मैं
हैं दिल का एक ही आलम
तुझी को चाहूं मैं
तेरे क़रीब रहूं या
के डोर जौन मैं
तेरे क़रीब रहूं या
के डोर जौन मैं
फिर उसके बाद तलुख
में फ़ासले होंगे
फिर उसके बाद तलुख
में फ़ासले होंगे
मुझे संभाल के रखना
बिच्छाद ना जौन मैं
मुझे संभाल के रखना
बिच्छाद ना जौन मैं
हैं दिल का एक ही आलम
तुझी को चाहूं मैं
तेरे क़रीब रहूं
या के डोर जौन मैं
तेरे क़रीब रहूं
या के डोर जौन मैं
मोहब्बतो की परख का
यहीं तो रास्ता हैं
मोहब्बतो की परख का
यहीं तो रास्ता हैं
तेरी तलाश में निकालून
तुझे ना पऔन मैं
तेरी तलाश में निकालून
तुझे ना पऔन मैं
हैं दिल का एक ही आलम
तुझी को चाहूं मैं
तेरे क़रीब रहूं
या के डोर जौन मैं
तेरे क़रीब रहूं
या के डोर जौन मैं
Written by: CHANDAN DASS, IFTIKHAR IMAM SIDDIQI, IFTIKHAR IMAM SIDDIQIILyrics © Universal Music Publishing GroupLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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