Mujhko Bhule Hue

चंदन दास

मुझको भूले हुए याद आने लगे मुझको भूले हुए याद आने लगे नींद आँखों से मौसम चुराने लगे मुझको भूले हुए याद आने लगे नींद आँखों से मौसम चुराने लगे मुझको भूले हुए याद आने लगे मेरी गज़लो में वो मेरे गीतो में वो मेरी गज़लो में वो मेरे गीतो में वो उनसे मिलने में लेकिन ज़माने लगे मुझको भूले हुए याद आने लगे मुझको भूले हुए याद आने लगे नींद आँखों से मौसम चुराने लगे मुझको भूले हुए याद आने लगे एक से दो हुए तो हुए इस तरह एक से दो हुए तो हुए इस तरह खुद को खोने लगे उनको पाने लगे मुझको भूले हुए याद आने लगे मुझको भूले हुए याद आने लगे नींद आँखों से मौसम चुराने लगे मुझको भूले हुए याद आने लगे जब भी राते अंधेरी हुई राह में जब भी राते अंधेरी हुई राह में रोशनी बनके वो जाग मगाने लगे मुझको भूले हुए याद आने लगे मुझको भूले हुए याद आने लगे नींद आँखों से मौसम चुराने लगे मुझको भूले हुए याद आने लगे याद आने लगे, याद आने लगे

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