Dhoop Bhari Chhat Pe
चंदन दास
धूप भरी छत पे
धूप भरी छत पे
बरस गया पानी
आँगन में आके अंगीठी भुझा के
आँगन में आके अंगीठी भुझा के
नागिन सा लहरा के
नागिन सा लहरा के डस गया पानी
धूप भरी छत पे
बरस गया पानी
आँगन में आके अंगीठी भुझा के
आँगन में आके अंगीठी भुझा के
नागन सा लहरा के डस गया पानी
धूप भरी छत पे
झूलो में लहराए सतरंग सावन
जागे पड़ोसी जगाए पड़ोसन
झूलो में लहराए सतरंग सावन
जागे पड़ोसी जगाए पड़ोसन
छन छन छना छन छना छन छना छन
बिना के तारो सा
बिना के तारो सा कस गया पानी
आँगन में आके अंगीठी भुझा के
आँगन में आके अंगीठी भुझा के
नागन सा लहरा के डस गया पानी
धूप भरी छत पे
खिड़की अंधेरो में खिड़की को खीछे
मौसम ना देखें कभी आगे पीछे
खिड़की अंधेरो मे खिड़की को खीछे
मौसम ना देखे कभी आगे पीछे
लेकिन गली अपनी आँखे ना मिचे
थाना कचहरी में
थाना कचहरी में फस गया पानी
आँगन में आके अंगीठी भुझा के
आँगन में आके अंगीठी भुझा के
नागन सा लहरा के डस गया पानी
धूप भरी छत पे
छप्पर की कुटिया ना कुंजी ना ताले
जब चाहें बरसात नींदे चुराए
छपर की कुटिया ना कुंजी ना ताले
जब चाहें बरसात नींदे चुराए
रोटी को बेले या घर को संभाले
झलते तवे पर
झलते तवे पर झुलस गया पानी
आँगन में आके अंगीठी भुझा के
आँगन में आके अंगीठी भुझा के
नागन सा लहरा के डस गया पानी
धूप भरी छत पे
बरस गया पानी
आँगन में आके अंगीठी भुझा के
नागन सा लहरा के डस गया पानी
धूप भरी छत पे हो
Written by: CHANDAN DASS, NIDA FAZLILyrics © Universal Music Publishing GroupLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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