Bhule Se Na Bhulenge

चंदन दास

भूले से ना भूलेंगे कभी गुज़रे ज़माने भूले से ना भूलेंगे कभी गुज़रे ज़माने वो रेशमी लम्हें वो मोहब्बत के फसाने भूले से ना भूलेंगे कभी गुज़रे ज़माने भूले से ना भूलेंगे कभी गुज़रे ज़माने पेड़ों की घनी च्चाँव थी बारिश का महीना टकराई तभी मुझसे हुई शोख हसीना चंदन से बदन वाली वो सबनम सी नज़ाकते पहली ही नज़र में हुई आपस में मोहब्बते खुसबू से भारी वादी बहारे ही बहारे मदहोश बनती थी वो फूलो की कतारे आफ़त था घमे हिज़रा मूषिबट थी जुदाई तूफ़ा से जो आए तो मिली मुझे को खुदाई लाई थी वो साथ अपने कहीं और ख़ज़ाने भूले से ना भूलेंगे कभी गुज़रे ज़माने ना चीज़ पे मेरा हक़ था ना अरमान पे काबू मुझ पर था कुछ ऐसा मेरे महबूब का जादू दामन में जैसे मेरे बस चाँद सितारे दिन खूब घुजरते थे मोहब्बत के सहारे सांसो में मेरी आधी हैं वो रंग वो गर्मी अभी हैं मेरे हाथ में यूयेसेस हाथ की नर्मी दो जिस्म थे एक जान थी ऐसा भी सम्मा था इश्स तरह जुड़ा हुए ना ये वहॉ घुमा था वो कसमे वो वेड वो अड्दाए वो बहाने भूले से ना भूलेंगे कभी गुज़रे ज़माने मालूम ना था देगा डॉवा मेरा मुक़द्दर वो डोर चली जाएगी मुझसे बिच्छाद कर मजबूर हूँ बेबस हूँ मैं कुछ नही कर सकता खाई थी कसम उसकी मैं मार भी नही सकता हालत ये कहते हैं के वो मेरी नही हैं पर भूल ना पाएगी मुझको ये यकीन हैं रांझिश नही हैं अब ये भी वो मुझसे जुड़ा हैं वो खुश हो सलामत हो ये ही मेरी दुआ हैं कहता हैं मेरा दिल के कभी प्यार ना करना हो जाए अगर प्यार तो इज़हार ना करना यार दोस्ती चली जाती हैं तन्हाई सजाहये भूले से ना भूलेंगे कभी गुज़रे ज़माने वो रेशमी लम्हें वो मोहब्बत के फसाने भूले से ना भूलेंगे कभी गुज़रे ज़माने कभी गुज़रे ज़माने कभी गुज़रे ज़माने.

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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