Koi Raag Chhed Dabi Aag Chhed

एस. डी. बर्मन, Asha Bhosle

कोई राग छेड़ दबी आग छेड़ के यही है ज़िंदगानी कही है बाहर कही पर निसार कोई माँग ले निशानी कोई राग छेड़ दबी आग छेड़ के यही है ज़िंदगानी कही है बाहर कही पर निसार कही बाँध ले निशाना कोई राग हो अभी वक़्त महर्बा है अभी ज़िंदगी जावा है अभी वक़्त महर्बा है अभी ज़िंदगी जावा है ये समा तेरा समा है कोई राग छेड़ नित आहो के इशारे ये खिले खिले नज़ारे नित आहो के इशारे ये खिले खिले नज़ारे मुझे कह रहे है सारे कोई राग छेड़ ज़रा दिल की सुन सुना ले ज़रा खुद को आज़मा ले ज़रा दिल की सुन सुना ले ज़रा खुद को आज़मा ले कोई आरज़ू जगा ले कोई राग छेड़ कोई राग छेड़ दबी आग छेड़ के यही है ज़िंदगानी कही है बाहर कही पर निसार कोई माँग ले निशानी कोई राग छेड़

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