Khwaishein

Arijit Singh, Armaan Malik

ख़्वाबों में भी ये सोचा नहीं था की धुप भी मिलेगी छाओं में कभी रास्तों में सोचा नहीं था की कांटे भी चुभेंगे पाओं में कहाँ ले आई ख़्वाहिशें है दर्द की ये जो बारिशें है ग़लती दिल की या फिर है वक़्त की ये साज़िशें कहाँ ले आई ख़्वाहिशें है दर्द की ये जो बारिशें है ग़लती दिल की या फिर है वक़्त की ये साज़िशें या हा आ आ या हा आ आ या हा आ आ आ आ वो जो समंदर था रेत का मंज़र था धोका सा था जो भी आँखों के अंदर था वो जो समंदर था रेत का मंज़र था धोका सा था जो भी आँखों के अंदर था कहाँ ले आई ख़्वाहिशें है दर्द की ये जो बारिशें है ग़लती दिल की या फिर है वक़्त की ये साज़िशें कहाँ ले आई ख़्वाहिशें है दर्द की ये जो बारिशें है ग़लती दिल की या फिर है वक़्त की ये साज़िशें ओ ओ ऊ ना नो ना कुछ पीछे छूटा है कुछ है जो टूटा है लगता ख़ुदा भी आज हम से रूठा है कुछ पीछे छूटा है कुछ है जो टूटा है लगता ख़ुदा भी आज हम से रूठा है कहाँ ले आई ख़्वाहिशें है दर्द की ये जो बारिशें है ग़लती दिल की या फिर है वक़्त की ये साज़िशें कहाँ ले आई ख़्वाहिशें है दर्द की ये जो बारिशें है ग़लती दिल की या फिर है वक़्त की ये साज़िशें ए ओ ओ ओ ना ना नि ना ओ ए ना न ने ना न ने ना न ने ओ ओ ओ कहाँ ले आई ख़्वाहिशें है दर्द की ये जो बारिशें ये है ओ ओ ओ ये ख़्वाहिशें ओ ओ ओ

Written by: Amaal MallikLyrics © Universal Music Publishing GroupLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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