Lehrein

निखिल डिसोजा, नुमान पिंटो, अनूषा मणि, Amit Trivedi

खोयी खोयी सी हूँ मैं क्यों यह दिल का हाल है धुंदली सारी ख्वाब है उलझा हर ख़याल है सारी कलियाँ मुरझा गयी रंग उनके यादों में बह गए सारे घरोंदे रेत के लहरें आईं लेहरो मै बेह गये राह में कल कितनी चिराग थे सामने कल फूलों की भाग थी इस से कहूँ कौन है जो सुने कांटे ही क्यूँ मैन है चुने सपने मेरे क्यूँ है खो गए जागे है क्यूँ दिल में गुम्म मेरे सारे कलियाँ मुरझा गयी रंग उनके यादों में बह गए सारे घरोंदे रेत के लहरें आईं लेहरो मै बेह गये न न न क्या कहूँ क्यों यह दिल उदास है अब कोई दूर है न पास है छू ले जो दिल वह बातें अब कहाँ वह दिन कहाँ रातें अब कहाँ जो भी धखल है अब ख्वाब सा अब दिल मेरा है बेताब सा सारी कलियाँ मुरझा गयी रंग उनके यादों में बह गए सारे घरोंदे रेत के लहरें आईं लेहरो मै बेह गये बेह गये

Written by: AMIT TRIVEDI, JAVED AKHTARLyrics © Sony/ATV Music Publishing LLCLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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